हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, आज के समय में महिलाओं की इस्लामी स्कूलों में सामाजिक भूमिका और प्रभाव पर शिक्षकों, आयोजकों और छात्रों की जिम्मेदारी पर बात करते हुए कहा कि इस्लाम की संस्कृति को लोगों के सामने साफ-साफ रखना बहुत जरूरी है ताकि वे उसकी ओर बढ़ें और ताकतवरों के आगे न झुकें।
उन्होंने कहा कि हम एक नाज़ुक दौर में हैं और हमारे दुश्मनों ने महिलाओं और परिवार पर ध्यान दिया है क्योंकि इस्लाम प्रकृति के अनुसार है। इस्लाम की संस्कृति महिलाओं और परिवार पर ध्यान देती है और यह उन लोगों को आकर्षित करती है जो प्रकृति के अनुसार रहते हैं और ताकतवरों से दूर रहते हैं।
इस रास्ते को तेज़ करने के लिए कई काम करने होंगे। इसमें से एक बहुत जरूरी हिस्सा है दुश्मन को पहचानना। हमें अपने समय और हालात को समझना जरूरी है कि हम किस स्थिति में हैं।
उन्होंने कहा कि समझदारी के अहम हिस्सों में से एक दुश्मन को जानना है। हमें दुश्मन, उसके मकसद और उसकी योजना को अच्छी तरह जानना चाहिए। हर छात्र और शिक्षक का कर्तव्य है कि वो अपने छात्रों को इसके बारे में बताए।
हमें दुश्मन, समय, और अपनी ताकत को अच्छी तरह समझना चाहिए। अपनी ताकतों को पहचानो और समझो कि दुश्मन क्या कर रहा है। अगर हम इसे अच्छे से जानेंगे तो हम बेहतर योजना बना पाएंगे।
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